बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

पेट में गैस की समस्या का समाधान

पेट में गैस की समस्या का समाधान


1) पेट में गैस क्यों बनती है।

हमारे शरीर में पेट मे गैस होने के अनेक कारण है।जिनमे से कुछ मुख्य कारण निम्न है।
1) भोजन को चबा चबा के न खाना -

यदि हम भोजन को ठीक से चबा के नही खाते है। तो इससे हमारे शरीर को इसे पचाने में टाइम लगता है। और इतना देर मे बाहरी कारण जैसे ( ठन्डे पानी को पी जाना ) इससे हमारे पेट की एचसीएल HCL एसिड खत्म हो जाता है। या ठंडा हो जाता है । जिससे कुछ भोजन पच नही पाता और वो सड़ने लगता है। जिससे गैस बनती है।

2) ज्यादा दिनों तक ठीक से फ्रेश न होना - यदि हम कुछ दिनों तक फ्रेश न हो या फिर ठीक से फ्रेश न हो तो कुछ अवसिस्ट पदार्थ अंदर रह जाते है और ये सड़कर गैस बनाते है।


3) ज्यादा खाना खाने, धूम्रपान करने, चूइंगम चबाने या सामान्य मात्रा से ज्यादा हवा निगलने से भी अत्याधिक गैस बन सकती है

4) ज्यादा समय तक एक ही जगह पर विश्राम करने से
क्योंकि होता ये है कि जब हम एक ही जगह ज्यादा देर तक बैठे रहते है तो नीचे से कुछ दबाव लगता है। जिससे भी गैस बन जाती है।

5) कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन करने से

6) चुइंगम और कठोर कैंडी का सेवन करने से – जब आप चुइंगम चबा रहे होते हैं, या कैंडी को चूस रहे होते हैं। उस दौरान आप सामान्य मात्रा से कहीं ज्यादा हवा को निगल लेते हैं।

2) पेट में गैस के लक्षण


पेट में अत्यधिक गैस होने के लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

गैस निकलने में वृद्धि या बार-बार गैस आना
बदबूदार गैस बनना
बार-बार डकार आना
पेट फूलना (या सूजन)
पेट में दर्द और एक अजीब सी बेचैनी होना
पेट की अत्यधिक गैस आम तौर पर कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं करती, लेकिन मेडिकल जांच जल्दी होनी चाहिए अगर मरीज में पैट गैस के साथ ये निम्न लक्षण भी दिखने लगें

पेट में गंभीर ऐंठन होना चलने मे समश्या
डायरिया होना
कब्ज महसूस करना
मल में खून आना
बार बार उल्टी और मतली
पेट की दाहिनी तरफ दर्द।

3) पेट में गैस के उपाय या इलाज


पेट में गैस के उपचार का लक्ष्य पेट के अंदर से निकलने वाली बदबूदार गैस को कम करना होता है। इसके लिए मेडिकल उपचार में एंटीबायोटिक्स दवाइयां शामिल होती हैं, अगर गेस्ट्रोइसोफेगल ट्रैक्ट में बैक्टीरिया की असामान्य वृद्धि होने का शक है या परजीवी से संक्रमण होने के कुछ सबूत मिलें तो, आप

कुछ आशाजनक अध्ययनों नें प्रोबायोटिक्स की मदद से गैर-आक्रामक बैक्टीरिया को आहार देकर जांच की जाती है, ताकि आक्रामक बैक्टीरिया को बाहर निकाला जा सके, इसके अलावा अभी कोई स्थापित उपचार उपलब्ध नहीं है।

आंतों के कार्यों का विनियम कार्य करना आवश्यक होता है, कब्ज का उपचार भोजन में फाइबर की मात्रा को बढ़ाकर या कुछ जुलाबों की मदद से किया जा सकता है।
जिन मामलों में किसी व्यक्ति के हवा निगलने का कारण चिंता होती है, ऐसे में डॉक्टर मरीज को मानसिक स्वास्थ्य और

दिनभर की आदतों में सुधार लाने की सलाह दे सकते हैं।
पेट की गैस के उपचार के लिए ऑवर-द-काउंटर (बिना पर्ची) दोनो प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं,

जो व्यक्ति गैस का कारण बनने वाले भोजन को नहीं छोड़ सकते, उनके लिए काफी सारी ऑवर-द-काउंटर दवाइयां हैं जो पेट गैस के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं,

बीनो - यह एक एंजाइम सप्लिमेंट है जो बीन (सेम आदि) को ग्रहण करने के साथ प्रयुक्त किया जाता है। इसमें वसा को पचाने वाले एंजाइम होते हैं। यह तब लिया जाता है, जब शरीर वसा, बीन्स व अन्य सब्जियों को पचाना कम कर दे। लेक्टोज या फाइबर की वजह से बनने वाली गैस को बीनो प्रभावित नहीं करता, इसको ऑवर-द-काउंटर खरीदा जा सकता है।

एंटीएसिड्स – जैसे डी-जेल (Di-gel) जिसमें सिमेथिकोन (एंटी गैस गोली या गैस की गोली भी कहा जाता है) होता है। यह एक फोमिंग एजेंट होता है, जो पेट में गैस के बुलबुलों को आपस में जोड़ देता है जिसके बाद गैस डकार के रूप में आसानी से बाहर निकल जाती है,

4) पेट में गैस की रोकथाम के उपाय


खाद्य पदार्थों का सेवन ना करना – साधारण रूप से गैस का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ जैसे, राजमा, मटर, मसूर, बंदगोभी, फूलगोभी, प्याज, ब्रोकोली, मशरूम और साबुत अनाज हैं। इसके अलावा कुछ प्रकार के फल, बीयर और अन्य कार्बोनेटेड पेय पदार्थ भी पेट में गैस उत्पन्न करने का काम करते हैं। अगर गैस में वृद्धि होती जा रही है, तो कुछ समय के लिए इन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।

लेबल पढ़ें – अगर गैस की समस्या का कारण डेयरी उत्पाद लग रहे हैं, तो शरीर में लेक्टोज इंटोलेरेंस की समस्या हो सकती है, जिसमें दूध उत्पादों को पचाने में कठिनाई होती है। अपने खाने वाली चीजों पर ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं? लेक्टोज की कम मात्रा या लेक्टोज़ मुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें। कुछ चीनी मुक्त खाद्य पदार्थो में अपचनीय कार्बोहाईड्रैट्स के तत्व पाए जाते हैं, परिणाम स्वरूप वे भी गैस को बढ़ा सकते हैं।

कम वसायुक्त भोजन खाएं – ज्यादा वसा वाले भोजन पाचन क्षमता और गति को कम कर देता है, जिससे ज्यादा समय लगता है, बिना पचा हुआ भोजन ज्यादा देर रहने से उसमें गैस बनने लगती है।

अस्थायी रूप से उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों में कमी – फाईबर में कई प्रकार के गुण होते हैं, लेकिन कई उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ गैस के भी बड़े उत्पादक होते हैं। कुछ समय फाइबर के सेवन से बचें और उसके बाद धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल कर लें।

5) पेट में गैस बनने पर क्या करना चाहिए - 


अगर आपके पेट में गैस बन रही है, तो आप निम्नलिखित तरीके से प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -

आराम से खाना खाएं और खाना पूरी तरह से चबाएं। अगर आप जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं, तो आप खाने के साथ हवा भी अंदर ले लेते हैं, जिससे गैस बनती है।

ऐसी चीजें न खाएं जिनसे गैस होती है, जैसे सेब, ब्रोकोली, प्याज, दूध और आइस क्रीम आदि। इन चीजों में ऐसे पदार्थ होते हैं जो आसानी या जल्दी से पचते नहीं, जिससे गैस बनती है। ध्यान रखें कि कुछ खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ साथ में खाने-पीने से भी पेट में गैस होती है।

एक बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में कम खाना खाएं।
पेट में गैस रोक के रखने से आपको पेट दर्द और पेट फूलने की समस्या हो सकती है, इसीलिए गैस को जबरदस्ती रोक कर न रखें, इसे निकलने दें। इसके अलावा मल को रोकने से भी गैस बनती है।

कोशिश करें कि खाना खाते समय बीच में पानी या अन्य तरल पदार्थ न लें, इससे खाना अच्छे से नहीं पच पाता है। हो सके तो खाना खाने से आधा घंटा पहले ही तरल पदार्थ पी लें।
अगर आपको गैस रहती है, तो अजवाइन इसका एक अच्छा उपाय है। अजवाइन में ऐसे पदार्थ होते हैं, जो पाचन क्रिया आसान बनाते हैं, इसीलिए आप दिन में एक बार आधा चम्मच अजवाइन पानी के साथ ले सकते हैं।

पेट की गैस के लिए एक्टिवेटिड चारकोल मददगार हो सकता है, ये गैस भी कम करता है और पाचन क्रिया को भी सुधारता है। एक्टिवेटिड चारकोल तरल पदार्थ या गोलियों के रूप में बाजार में उपलब्ध है।

ऐसा माना जाता है कि खाना खाने के बाद सीधा बैठने से गैस की समश्या बढ़ जाती है अतः आप खाना खाने के बाद कम से कम 500 कदम चले ।




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